Bihar Election 2020: नीतीश कुमार खेलेंगे मुख्यमंत्री की चौथी पारी

▶️ बिहार की राजनीति में सबसे शातिर खिलाड़ियों में नीतीश कुमार प्रमुख |
▶️ मुख्यमंत्री पद पर टिके रहने की कला भली-भांति जानते हैं नीतीश कुमार |
▶️ बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद मुख्यमंत्री बनने की तैयारी में नीतीश कुमार |
Bihar Election 2020 Result: बिहार की राजनीति में धुरंधर राजनेताओं की बिल्कुल भी कमी नहीं दिखती परंतु धुरंधर राजनेताओं के भी नेता हैं नीतीश कुमार (Nitish Kumar CM Bihar)। नीतीश कुमार के पास राजनीति में टिके रहने की सबसे बड़ी कला है। उन्हें पता है कि कब, क्या और कैसे बोलना है। राजनीति करना और करवाना दोनों चीजें भली-भांति नीतीश कुमार जानते हैं, इसी का परिणाम है कि नीतीश कुमार पिछले 15 सालों से बिहार में सीटों के मामले में सबसे बड़ी पार्टी ना होने के बावजूद बिहार के मुख्यमंत्री रहे हैं। आइए 4 पॉइंट्स के माध्यम से समझने का प्रयास करते हैं कि आखिर नीतीश कुमार बिहार की राजनीति (Nitish Kumar Bihar Politics) में इतने असरदार क्यों हैं?
1. महादलितों की राजनीति
बिहार की राजनीति में दलितों की मुख्य भूमिका है। नीतीश कुमार ने दलित वोटरों को अपनी ओर लाने के लिए बेहद खास चाल चली। नीतीश कुमार ने अपने कार्यकाल के दौरान 2007 में महादलित कैटेगरी (Mahadalit Category) बनाई। 2010 में नीतीश कुमार पढ़ाई के लिए लोन, स्कूली पोशाक देनी जैसी कई योजनाएं लाए। भले ही बिहार की राजनीति में रामविलास पासवान (RamVilas Paswan) दलितों के सबसे बड़े नेता कहीं जाते हैं लेकिन अपने कार्यों की बदौलत नीतीश कुमार ने दलितों को अपनी ओर कर लिया।
2. पद पर टिके रहना

मुख्यमंत्री पद (Bihar CM Seat) पर किस तरह से लंबे समय तक टिके रहना है यह नीतीश कुमार से सीखा जा सकता है। 2015 के विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू सीटों के मामले में सबसे बड़ी पार्टी नहीं थी, इसके बावजूद महागठबंधन ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया। 2017 में नीतीश ने इस्तीफा दे दिया। एक समय नीतीश कुमार कहते थे ‘मिट्टी में मिल जाऊंगा बीजेपी में नहीं जाऊंगा’ लेकिन हुआ क्या नीतीश कुमार ने बीजेपी (BJP) के साथ गठबंधन कर लिया और फिर से मुख्यमंत्री बन गए।
3. सही समय पर सही बात कहना
5 नवंबर को नीतीश कुमार कि बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Vidhansabha Chunav 2020) में आखिरी रैली थी। चुनावी रैली को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा था, आज चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है, परसों मतदान है और यह मेरा आखिरी चुनाव है, अंत भला तो सब भला…..। इन बातों से नीतीश कुमार ने जनता के बीच में संवेदनाओं को प्रकट करते हुए जो सब कहा उसका असर चुनाव में आप देख सकते हैं।
4. मुख्यमंत्री कार्यकाल (2005-2010)
नीतीश कुमार ने बतौर मुख्यमंत्री 2005 से 2010 के बीच अपना कार्यकाल (Nitish Kumar Cheif Minister’s Term) पूरा किया। अपने कार्यकाल के दौरान नीतीश कुमार ने बिहार में खूब काम किया। लड़कियों और महिलाओं के लिए नीतीश कुमार बड़ी-बड़ी योजनाएं लाएं। जिसके बाद बिहार की महिला वोटर नीतीश के पक्ष में हो चुकी थी। नीतीश के राज में बिहार में क्राइम (Crime In Bihar) और रंगदारी दोनों में लगाम लगा। जिला स्तर की भ्रष्टाचारी में नीतीश ने रोक लगाई जिसका प्रभाव वोटरों पर पड़ा। नीतीश का इस कार्यकाल ने उनकी राजनीतिक पारी को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।